या आसमान के तारे मुझसे नाराज़ हैं
या मैं शहरों की चकाचौन्द में कहीं खोया हूँ
या चाँद की चांदनी आज कुछ सहमी सी है
या पूनम की रात मैं आँखें मीचे सोया हूँ
या ढलते सूरज की लालीमा आज तेज़ है
या मैं खून के आंसू रोया हूँ
या मैं शहरों की चकाचौन्द में कहीं खोया हूँ
या चाँद की चांदनी आज कुछ सहमी सी है
या पूनम की रात मैं आँखें मीचे सोया हूँ
या ढलते सूरज की लालीमा आज तेज़ है
या मैं खून के आंसू रोया हूँ
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